उत्तराखण्ड सरकार ने जनप्रतिनिधियों को प्रशासक नियुक्त किया।
उत्तराखण्ड सरकार ने जनप्रतिनिधियों को प्रशासक नियुक्त किया।
उत्तराखण्ड सरकार ने जनप्रतिनिधियों को प्रशासक नियुक्त किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष ही अब प्रशासक होगें।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायती राज संशोधन अधिनियम 2020 की धारा 130 की उपधारा 6 के अधीन प्रदत के तहत शक्ति का प्रयोग किया गया हैं
जिलाधिकारी के अधीन नियुक्त प्रशासक निर्वतमान जिलाध्यक्ष को प्रशासक नियुक्त ं
एंकर- उत्तराखण्ड़ सरकार द्धारा जिला पंचायत जो त्रिस्तरीय पंचायत की सबसे बड़ी बौड़ी या ईकाई मानी जाती है। उसमें चुने हुए जन प्रतिनिधियों द्धारा जिलाध्यक्ष का कार्यकाल 2024 1 दिसम्बर को खत्म हो गया है। और क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल 30 नवम्बर 2024 और ग्राम पंचायत का कार्यकाल भी 25 नवम्बर 2024 को समाप्त हो गया है। जबकि ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में सरकार द्धारा सरकारी कर्मचारी प्रशासक नियुक्त किये किये गये है। ग्राम पंचायत में पंचात मत्री और क्षेत्रपंचात में खण्ड विकास अधिकारी को ही प्रशासन नियुक्त किया गया हैं जबकि जिला पंचायत में मुख्यकार्यधिकारी या जिलाधिकारी को प्रशासक बौडी नियुक्त किया जाता है।
बीओं – लेकिन इस उत्तराखण्ड सरकार ने नये आदेश जारी करते हुए हुए चुने हुए प्रतिनिधियों को कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिलाध्यक्षो ंको ही प्रशासक नियुक्त किया है। और नया अध्यादेश लाकर 2020 अधिनियम की धारा 130 में संशोधन कर इस नियम को लागू किया है। तो वहीं पूर्व निर्वतमान जिलापंचायत सदस्यां और ग्राम प्रधानो ंऔर क्षेत्रपंचायतों में आक्रोश है उनका कहना है कि जिस प्रकार जिला पंचायत में जिलाध्यक्ष को प्रशासनक बनाया गया हे ठीक उसी प्रकार ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में भी प्रशासक चुने हुए जनप्रतिनधियों को बनाया जाय।