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वाडिया इॅस्टीटयूट हिमालय  केदारनाथ के टीम ने किया आंन्ध्र प्रदेश के श्रद्धालु का रेस्क्यू

बड़ी खबर केदारनाथ से –
वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान केदारनाथ के टीम ने किया आंन्ध्र प्रदेश के श्रद्धालु का रेस्क्यू
एक सप्ताह से फसा हुआ था एक श्रद्धालु/ पर्यटक आंन्ध्र प्रदेश का चोराबाड़ी ताल और गांधी सरोबर के उपर।
किसी ने नहीं की खोज खबर नहीं इस श्रद्धालु/ पर्यटक द्धारा सूचना दी गयी कंन्ट्रोल रूम को
वाडिया इॅस्टीटयूट सोध संस्थान केदारनाथ के कर्मचारी गये थे अपने कार्य के लिए इस क्षेत्र में।
इस श्रद्धालु/ पर्यटक की नजर पड़ने के बाद इस पर्यटक ने हाथ हिलाकर इन्हे बुलाया।
वाडिया हिमालय इॅस्टीटयूट की टीम धनबीर पंवार और अनिल सेमवाल की टीम ने किया इसका रेस्क्यू
भगवान केदारानाथ की यात्रा पर देश विदेश के श्रद्धालु धाम पहॅूच रहे हैं किसी भी पर्यटक को अनुमति नहीं होती हैं कि वे केदारनाथ से उपर वाली पहाड़ीयों पर टै्ृकिंग करें। चढ़ने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन कुछ श्रद्धालु बिना बता के दूसरे रास्ते से केदारनाथ की उपर वाले चोटियों में जाने का प्रयास करते है। जो उनके लिए घातक होता हैं जैसा इस श्रद्धालु के साथ हो सकता था और एक सप्ताह पहले भी एक श्रद्धालु की मौत हुई थी। जिसका रेसक्यू आपदा प्रबन्धन की टीम द्धारा किया गया था।


– केदारनाथ से उपर वाले क्षेत्र में वाडिया हिमालय इंस्टीटयूट भूविज्ञान संस्थान केदारनाथ के उपर वाले क्षेत्रों में हिमालय क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर बराबर रिर्सच करते रहते है। और इनकी एक टीम केदारनाथ में तैनात रहती है। और कभी भी हिमालय में होने वाले गतिविधियों पर नजर रखकर तत्पर सूचना आदान प्रदान या भविष्य में चेतना दी जाती हैं। जो बराबर निगरानी करते रहते है। आज भी एक टीम केदारनाथ के उपर वाले हिस्से में स्टीक लगाने के लिए एक पूरी टीम गयी हुई थी लेकिन इस टीम को एक श्रद्धादु द्धारा इनको देखने पर हाथ हिलाया और मदद मांगी ये टीम धनबीर पुण्डीर की टीम तुरन्त इस व्यक्ति के पास पहॅूची। और इससे जानकारी ली कि आप लोग यहां तक कैसे पहॅूचे पता चला कि ये व्यक्ति भैरवनाथ मंदिर से गांधी सरोबर होकर चोराबाड़ी ताल पहॅूचा। जहां ये श्रद्धालु फंस गया और रास्ता भूल गया और एक सप्ताह तक बिना खाये ंपीये ऐसे ही रह गया। लेकिन आज उसकी किस्मत अच्छी थी की ये टीम पहॅूच गयी और इसको मदद मिल गयी। वाडिया हिमलाय इंस्टीटूड की टीम ने इससे नीचे पहॅूचाया।


बीओं – अब सवाल ये खड़ा होता है कि यहां जाने के लिए प्रमीशन लेनी पड़ती है। बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति यहां नहीं जा सकता। लेकिन केदारनाथ में इतनी सुरक्षा व्यवस्था, आईटीबीपी की टीम, एनडीआरएफ की टीम, एसडीआरएफ की टीम, डीडीआरएफ की टीम, पुलिस की टीम, होमगार्ड , पीआरडी की टीम,बद्रीकेदारमंदिर समिति की टीम तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी श्रद्धालु /पर्यटक बिना अनुमति के कैसे गांधी सरोबर और चोराबाड़ी ग्लेशियर तक पहॅॅच रहे है। अगर वाडिया इंस्टीटूड की टीम यहां नहीं जाती तो इस श्रद्धालु की मौत हो जाती ये श्रद्धालु स्वंम बता रहा है कि मै एक सप्ताह से यहां इस ठन्ड में फंसा हुआ हॅू। पावं पूरी तरह से खराब हो गये है। तस्बीरें में देख सकते हैं कि किस प्रकार से इस व्यक्ति हालत बनी हुई है। लेकिन इस टीम का सुक्रिया कि इन्होने किसी भी फोर्स का बिना सहयेग लिये इसका रेसक्यू किया और नीचे पांच सात किलोमीटर नीचे लाये और अब इसका इलाज भी करेगें।
-धनबीर पंवार वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान संस्थान केदारनाथ
– अनिल सेमवाल वाचर वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान इन्ंस्टीट्ड शोध संस्थान केदारनाथ।

 

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