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बड़ी खबर रूद्रप्रयाग से – घोड़े -खच्चरों में इन्फ्लूएंजा वायरस का खतरा मंडरा रहा है जनपद की सभी सीमाओं में हो रही है चैकिंग

खास कर{ टिहरी] पौड़ी ]और चमोली की सीमाओं में सीसीटीबी कैमरों की निगरानी में सीमायें

हरेन्द्र नेगी रूद्रप्रयाग
बड़ी खबर रूद्रप्रयाग से –
घोड़े -खच्चरों में इन्फ्लूएंजा वायरस का खतरा मंडरा रहा है
जनपद की सभी सीमाओं में हो रही है चैकिंग
खास कर टिहरी पौड़ी और चमोली की सीमाओं में सीसीटीबी कैमरों की निगरानी में सीमायें।
आपदा कन्ट्र्ोल रूम से हो रही हैं सीमाओं की निगरानी, रात दिन लगे हुए पुलिए बैरियर चैंकग में।
चारधाम यात्रा की हल चल से ज्यादा इन्फ्लूएंजा बीमारी से जनपद में हल चल।
8 से 10 हजार घोडे ंखच्चर संचालिंत होते हैं केदारनाथ धाम की यात्रा में ।
द्धितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीयकेदार तुंगनाथ में भी यात्रि घोड़ा खच्चरो से यात्रा करते है।
2009 में भी फैला था इन्फ्लूएंजा वायरस 250 लोगों की डाक्टरों सहित टीम आई थी हरियाणा से केदारघाटी में।
12 दर्जन से भी ज्यादा घोडें खच्चरों की मौत हुई थी उस समय ।

ग्यारहवे ज्येर्तिंलग भगवान केदारनाथ की यात्रा आगामी 2 मई 2025 से शुरू हो रही है। और भगवान केदारना की यात्रा 27 अप्रैल को केदारनाथ जी के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भू बैकुण्ट भैरव नाथ की पूजा के बाद 28 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल बिग्रह डोली शीतकालीन गददीस्थल ओमकारेश्वर से केदारनाथ के लिए प्रस्थान कर देगी और इस यात्रा में केदारनाथ के पुजारी और रावल स्वंम घोडें में प्रस्थान करेगे।
लेकिन चारधाम यात्रा के लिए जिस प्रकार से स्थानीय लोग और जिला प्रशासन यात्रा के लिए तैयारी कर रहा है। और केदारनाथ की रीड़ की हडडी घोड़ा खच्चरां पर इस बार इन्फ्लूएंजा वायरस की दस्तक से पशुपालन विभाग के साथ जिलाप्रशासन पर हलचल बढ़ गयी हैं क्ये की केदारनाथ में सारा सामान घोडे खच्चरों के माध्यम से ही ढोया जाता है। यहां तक की यात्रियों को लाने और ले जाने का काम भी घोड़ा खच्चर ही करते हैं।
पिछले वर्ष सरकारी आकंडे में 8 हजार घोडे खच्चरों का रजिस्ट्रेशन था जो इस बार प्रशासन ने फिर से रिनेवल कर दिया है। और बढने की सम्भावना भी जताई जा रही है। लेकिन जिस प्रकार से बीमारी फैलने का डर और अभी तक 1 दर्जन से ज्यादा घोड़ा खच्चरों में इसके लक्षण पाये गये हैं वह चिन्ता का सबक है। सभी सामाजिक कार्यकर्ता और पशुपालन विभाग के कर्मचारी जिला प्रशासन के लोग इस बीमार से बचने के लिए हर प्रकार से सजग है।
जिला प्रशासन ने जनपद को जोडने वाली सभी सीमाओ में सीसीटीबी कैमरे से निगरानी की जा रही है। पुलिस रात दिन गाड़ीयों और ट्रकों में निगरानी रख रही हैं कहीं कोई किसी रास्ते से जनपद में तो नहीं घूस रहा हैं इस लिए आपदा कन्ट्रोल रूम से निगरानी रखी जा रही है।
अशोक सेमवाल घोड़ा संचालक एवं सोशल वर्क
सामाजिक कार्यकर्ता अशोक सेमवाल का कहना है कि जिस प्रकार से प्रशासन निगरानी कर रहा हैं वह काबिलेतारीफ हैं लेकिन जिस प्रकार से बाहर की गाड़ीयों में मुर्गा मास मच्छी आ रही है उस पर भी प्रतिबन्ध लगना चाहिये मुर्गे में इस प्रकार के वायरस पाये जाते हैं इस लिए इस पर सख्त रोक लगनी चाहिये।
अबतार सिहं नेगी घोड़ा संचालक केदारघाटी

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