देवभूमि के जंगलों में छाई हुई हैं बुरांश की लालिमा
उत्तराखण्ड़ का राज्य पुष्प बुरांस

देवभूमि के जंगलों में छाई हुई हैं बुरांश की लालिमा।
उत्तराखण्ड़ का राज्य पुष्प बुरांस
औषधिय गुणों से भरपूर, हार्ड के पेसेंंट के लिए काफी किफायती माना जाता हैं
पहाड़ के बॉज बुरॉस के जंगल इन दिनों बुरॉस के फूलों से लकदक,
बुरॉस का जूस हार्ड और दमा के मरीज के लिए रामबांण, इसकी बढ़ती जा रही हैं डिमाड़,
स्लग – बुरॉस
स्थान- रूद्रप्रयाग
हरेन्द्र नेगी / 15 मार्च 2017/पैकेज
-उत्तराखण्ड देवभूमि में छाई हुई बुरांश की लालिमा ,जिन जगहों पर बॉज बुरॉस के जंगल है। वहां इन दिनों रौनक ही रौनक दिखाई दे रही है। पूरे जंगल इन दिनों बुरॉस के फूलों से लाल रंग की लालिमा बिखरे हुए है। पर्यटक भी बुरॉस के फूलों से लकदक जगंल को खूब निहार रहे हैं अभिभूत हो रहे हैं। बुरॉस के इस फूल की कितनी खूबीयां है के बारे में तरह तरह की जानकारी जुटा रहे हैं।पेश है एक खास रिर्पोट हरेन्द्र नेगी की रूद्रप्रयाग से—–
-उत्तराखण्ड़ राज्य पुष्प और पेड़ बुरॉस का वैज्ञानिक नाम बुरॉस रोडोडेंड्रृन से पुकारा जाता है। जबकि नेपाल में इससे राष्ट्रृ पुष्प घोशित किया गया है।यह सदाबहार बृक्ष हैं और समशीतोशण जलवायु वाले क्षेत्रों में उगता हैं उच्य बर्फले ढलानो ंवाले जगहों पर कई रंग के बुरॉस दिखाई देते हैं और जो एक आर्कष्ण का केन्द्र भी बनता हैं।
यात्री
2- मार्च और अप्रैल के माह में खिलने वाला पुष्प पूरा बॉज बुरॉस का जंगल इन दिनो पूरे लाल रंग की लालिमा में नजर आता हैं। 1500 से 3600 मीटर की उंचाई पर पाये जाने वाला बुरॉस सदाबहार बृक्ष है। इस बृक्ष से पानी की मात्रा बढ़ती है।
– बुरॉस के फूलों का उपयोग खास कर दवाई बनाने के साथ- साथ जूस एवं कई बहुमूल्य उपयोग में भी किया जा रहा है। वही बुरॉस का पेड़ से पानी के स्रोत रिर्चाज हो जाते है। जिन स्थानों पर बॉज बुरास होता हैं उन स्थानो ंपर पानी की कोई कमी नहीं होती हैं और वहां के पानी स्रोतों पर लगातार पानी का रिसाब होता रहता है। बुरॉस की लकड़ी भी काफी उपयोगी होती हैं।
बुरॉस के फूलों से बनने वाला जूस / शरवत, हृदय रोगियों , दमा के रोगीयों के लिए वेहद ही लाभकारी और गुणकारी माना जाता है। देश बिदेश से चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक इस पेय पदार्थ्ा को खूब चाव के साथ लेते हैं और अपने साथ भी ले जाते है। बुरॉस के फूलों से जैम, जैली, चटनी, आदि उपयोगी पदार्थ एवं घरेलू वस्तुये बनाई जा रही हैं।
बुरॉस एक जंगली पौधा है। लेकिन उतना पौधा गुणकारी भी हैं। राज्य सरकार द्धारा इससे भले ही राज्य बृक्ष घोषित किया गया हो, लेकिन इन दिनों घरों और बाजार में इसके फूल का जूस बनाया जा रहा है। अगर सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बृहद रूप में उघोग का रूप ले सकता हैं लेकिन सरकार का केई ध्यान इस ओर नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि साल भर में एक बार खिलने वाले इस फूल से लाखों रूपये का कारोबार कर रहे हैं जबकि 80 90 प्रतिशत बुरांश का फूल यू ही बेकार चला जाता हैं मात्र 10 प्रतिशत ही उपयोग में लाया जाता है। वहीं कुछ फूल यॅू ही जंगल में बेकार चला जाता हैं जिसकी कोई सुध नहीं लेता है।
फाइनल – सरकार द्धारा इस राज्य बृक्ष और बुरॉस के उपयोग के बारे में जरा सा भी ध्यान दिया जाता तो शायद बुरॉस का पुष्प से लेकर पौधा उत्तराखण्ड़ के लिए रामवाण का काम कर सकता है जरूरत है तो तो इस ओर जानकारी जुटानी की और उस पर विस्तृत शोध करने की ।अगर सरकार इस ओर जरा सा भी ध्यान दे तो पहाड़ का बेरोजगार के हाथों को रोजगार के साथ -साथ पलायन पर भी रोक लग सकती है। 6 माह तक यहां स्थानीय बेरोजगार बुंराश को रोजगार का जरिया बना सकता हैं।