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सर्च अभियान —सेना के 2 स्निफर डॉग कर रहे लिंचौली से पैदल मार्ग के जंगली इलाकों की रेकी

सेना के 2 स्निफर डॉग कर रहे लिंचौली से पैदल मार्ग के जंगली इलाकों की रेकी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग में अतिवृष्टि के कारण मंदाकिनी के उफान पर आने और घाटी में हुई भूस्खलन की दहशत से कई यात्री एवं स्थानीय लोगों के जंगलों में भागने की संभावनाएं जताई जा रही है। हालांकि प्रशासन और पुलिस द्वारा रेस्क्यू अभियान को लेकर इन सभी संभावनाओं पर काम जारी है किंतु रविवार को सेना भी पैदल मार्ग में जंगली क्षेत्रों की ओर 2 स्निफर डॉग की मदद से रेकी करने लगी है।

जंगलों में यात्री एवं स्थानीय लोगों के पहुंचने की संभावनाओं को देखते हो रही रेकी

रविवार को हेलीकॉप्टर की मदद से सेना की 6 ग्रेनेडियर के यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ट के नेतृत्व में पैदल मार्ग पर विभिन्न रेस्क्यू अभियान की कमान सभाल ली गई है। हेलीकॉप्टर से सेना के 2 स्निफर डॉग के साथ आधा दर्जन सेनिकों को लिंचौली में उतारा गया जो लिंचौली से आसपास के जंगलों के साथ ही भीमबली, जंगलचट्टी और गौरीकुंड के करीबी जंगलों में तलाश करेगी। आपदा के दौरान मुश्किल क्षण में कई यात्री एवं स्थानीय लोग जान बचाने के लिए जंगलों की ओर भागे हैं जबकि कई रास्ता भटकने के कारण इधर उधर गए हैं। डॉग यूनिट इन इलाकों में आदमियों के होने की संभावनाएं तलाश करेगी। डॉग यूनिट ने लिंचौली से पैदल मार्ग होते हुए अभियान की शुरूआत कर दी है।

डॉग सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच सेना पैदल पुल बनाने में जुटी

केदारनाथ यात्रा मार्ग को पटरी पर लाने के लिए मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग से गौरीकुंड की आवाजाही शुरू कराने के लिए अब सेना ने मदद का हाथ बढ़ाया है। प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग के लिए 6 ग्रेनेडियर की टीम सोनप्रयाग पहुंच गई है। रविवार को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉश आउट एरिया में पैदल पुल बनाने के लिए सेना ने काम शुरू कर दिया है।

सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच वॉश आउट एरिया में पैदल पुल बनाने का काम किया शुरू

बता दें कि 31 जुलाई को हुई भारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में लिंचौली, भीमबली में भारी तबाही हुई जिससे रामबाड़ा में दो पैदल पुल बह गए, जबकि गौरीकुंड और सोनप्रयाग में भी काफी नुकसान हुआ। सोनप्रयाग में केदारनाथ हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया जिससे गौरीकुंड-सोनप्रयाग का सम्पर्क कट गया है। पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों को किसी तरह मुनकटिया के रास्ते सोनप्रयाग लाया जा रहा है। प्रशासन के आग्रह पर सेना की टीम मुश्किल क्षण में मदद को सोनप्रयाग पहुंच गई है। रुद्रप्रयाग में तैनात 6 ग्रेनेडियर की टीम ने यूनिट के कर्नल हितेश वशिष्ट के नेतृत्व में मंदाकिनी नदी पर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है।

एक ओर मार्ग में फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। वहीं रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। सेना द्वारा पैदल रास्तों को पुनर्स्थापित करने और सोनप्रयाग में पैदल पुल बनाने के साथ ही सर्च ऑपरेशन में मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे मौके पर पहुंकर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।


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सोनप्रयाग में सेना ने किया घायल और दिव्यांगों का ट्राली से रेस्क्यू शुरू

केदारनाथ पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू लगातार जारी है। जबकि सोनप्रयाग में मैन्युल रेस्क्यू के लिए अब सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के जवानों अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे इस पूरे अभियान की मौके पर मौजूद रहकर लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। रविवार को हेली रेस्क्यू के साथ ही अब सोनप्रयाग पर बुनियादी व्यवस्थाएं बहाल करने के लिए विशेष फोकस कर दिया गया है। 6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के साथ ही गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है। रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग एव घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वाश आउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार एव पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए। खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी एव भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं

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