कोयल को क्यों कहा जाता है पक्षीयों की रानी, उसकी आवाज के लिए या फिर उसकी चालाकी के लिए
आज हम आपको पक्षीयों की रानी कोयल की कुहू - कुहू की कहानी या हकीकत पर थोड़ा चित्ररण करते हैं

कोयल को क्यों कहा जाता है पक्षीयों की रानी, उसकी आवाज के लिए या फिर उसकी चालाकी के लिए।
आज हम आपको पक्षीयों की रानी कोयल की कुहू – कुहू की कहानी या हकीकत पर थोड़ा चित्ररण करते हैं।
पहाड़ों में अक्सर बसंत के आगमन पर जिस प्रकार से पहाड़ के जंगल हरे भरे और फूलों से लकदक रंग विरेगें दिखाई देते है। ठीक उसी प्रकार से पक्षीयों का संसार भी इन दिनों जंगलों में कोयल की आवाज कुहू- कुहू और पीहू की आवाज, जंगलो में काफल पकने की आवाज निकालने वाला पक्षी काफल पकों मीन नी चखों, घूघूती, ठन्ड जाने और गर्मी आने की आहट देने वाला पक्षीयों की चहचहाट आपने खूब सूनी होगी। उन्ही में से आज हम कोयल की कुहॅू कुहॅू की आवाज का चित्ररण हम आज करने जा रहे हैं
वैसे तो नर कोयल काली स्याही रंग की हेती है और मादा कोयल बदामी रंग की हेती है। कहते है की कोयल काफी आलासी पक्षी होती है लेकिन अपने जीने के लिए तो शायद वह आलसी नहीं मानी जायेगी क्येंकि उससे जो पक्षीयों की रानी का दर्जा मिला है केवल उसकी सुनहरी आवाज से जहां पूरे जगंल में अगर कोयल की कुहॅू कुहॅू सुनाई देगी तो मन अपने आप हरा हो जाता हैं क्येंकि कोयल की प्यारी से चहचाहट से मन मोह ले लेता है अब हम बात कर रहे हैं कि कोयल एक शातिर दिमाग की है कौवे से भी तेज दिमाग की कोयल यूॅ तो कहा जाता है कि वह चुप चाप रहती हैं और नर कोयल ही मादा कोयल के लिए घोषला ढूठंता है। मादा कोयल ठीक उसी समय प्रागंण करती हैं जब कौवे के भी अडडे अपने घोषले में दिये होते हैं। और कोयल कौवे के घोषले में जाकर अपने अडडे दे देती है। कुछ दिन बाद कौआ उसके अडडो को सेकता हैं और उसमें कोयल के अडडों से चूचे बाहर निकल आते हैं। कोयल के छोटे बच्चे इतने शातिर होते है कि वे कौवे के बच्चों को घोशले से बाहर फेंक देते हैं और कौआ कोयल के बच्चों को पालता पेषता रहता हैं और कुछ दिन बाद कोयल के बच्चे फुर हो कर उड़ जाते हैं लेकिन कौवा इतना शतिर होने के बाद फिर भी वह कोयल के बच्चों और अपने बच्चों में फर्क नहीं पहिचान पाती है। और कोवा के बच्चों को पाल पोश कर वह उड़ जाते हैं। ऐसा शतिर दिमाग वाले की तारीफ करें की आलशी कहें या फिर उसकी मधुर आवाज की दिवानगी कहें। इसी लिए कहते हैं कोयल
कैसी लगी ये कहानी महज कुछ शब्दों की —-