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देखिये पूरी रिर्पोट हरेन्द्र नेगी के साथ – भगवान शिव के पाचं ज्योर्ति लिंग देव भूमि में ।

देखिये पूरी रिर्पोट हरेन्द्र नेगी के साथ – भगवान शिव के पाचं ज्योर्ति लिंग देव भूमि में ।
देव भूमि में पंच बद्री , पंचकेदार, पंच प्रयाग
भाग हमारा धन-धन, भाग हमारा धन-धन
ये देव भूमि है साथियों यहां पर स्वंम भगवान विराजते हैं। जहां पर पंच बद्री और पंच केदार और पंच प्रयाग हो वो भूमि क्या कहलायेगी। इसी लिए कहते हैं कि ये देवों की भूमि हैं यहां तन में मन में , देवताओं का वास होता है। ये ऋृषि मुनियों की तपस्थली है जहां शिव की जटाओं से जल धाराये बहती है। जहां मोक्ष के लिए बद्रीनारायण में स्वंम मॉ लक्ष्मी और कुबेर विराजमान है।

आज हम पहले पंच केदारों का वर्णन इस अकं मे कर रहे हैं जहां स्वंम भगवान शिव का वास है। जिससे स्वर्ग का द्धार भी कहा जाता है। जिन्हे पंच केदारों के नाम से भी जाना जाता है। इसी लिए इस देवभूमि केा शिव की भूमि भी कहा जाता है। शिव के 12 ज्येार्तिलिंग है। जिनमें सर्वश्रेष्ठ हिमालया तू तुंगम केदारनाथम् सर्वश्रेष्ठ ज्येार्तिलिंग केदारनाथ को कहा गया है। और इस देवभूमि में शिव के पांच अंग प्रथम केदारनाथ जहां भगवान शिव के पृष्ठ भाग के दर्शन होते है। द्धितीय मद्धमहेश्वर भगवान के दर्शन, तृतीय केदार तुंगनाथ भगवान जहां बाहु यानि भुजाओं के दशर््ान होते है। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ भगवान जहंा स्वंय मुख मण्डल के दर्शन होते हैं पंच केदार कल्पेश्वर जहां स्वंम भगवान की जटाओं के दर्शन होते है। और ये कल्पेश्वर भगवान के 12 महीने कपाट खुले रहत है। इसी जहां वर्ष भर भगवान शिब की जटाओं से जल की धारा निरन्तर बहती रहती है। इसी लिए कहते है। कि देवों के देव भगवान शिव की महिमा पंचकेदारों में विराजमान है। जहां अलग -अलग रूपो ंमें भगवान शिव के दशर््ान किये जाते है।इसी भगवान के शिव के द्धार के रूप में पूजे जाने वाले केदारनाथ को स्वर्ग का द्धार भी कहा जाता है। यहीं से स्वर्ग का जाता है पाण्डवों द्धारा अपने पापों से मुक्ती और प्रास्चित के लिए भगवान शिव की खोज की गयी थी जब उन्होने देवताओं से आग्रह किया कि हमे भगवान शिव की प्राप्ति कहा होगी तो उन्हे बताया गया कि आपको शिव की प्राप्ति देवभूमि यानि उत्तराखण्ड जहां हिमशिवर तुंग शिवर भगवान शिव अपने ध्यान में विराजमान हैं वहां आपको भगवान शिव मिल सकते है। और तब जाके आपके पापों से मुक्ति मिल सकती है। यही वह स्थान है जहां पंचकेदारों के दर्शन के लिए देश विदेश के श्रद्धालु भगवान शिव और बद्रीनारायण के दर्शन के लिए आते है।
अेाम नम शिवायॅ हरेन्द्र नेगी गॉवतकलाइब डाट काम पर देखये ये खबरें।

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