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22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजमान होंगे, इसको लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है, इसी बीच कुछ शानदार तस्वीरें हल्द्वानी के वन अनुसन्धान केंद्र से आयी हैं।
हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र ने एक ऐसी रामायण वाटिका तैयार की है, जिसका नाम सुनते ही आप उसे देखने के लिए उत्सुक हो जाएंगे, श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान जिन जिन जगहों में गए, उन जगहों के पेड़ पौधों और उनकी महत्व का वर्णन इस वाटिका में दिखाया गया है, करीब 15 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद वन अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों ने इस वाटिका को तैयार किया है। बताया जाता है कि महर्षि बाल्मीकि ने जो रामायण लिखी है, उसमें भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम करीब 6 बड़े वनों से होकर गुजरे थे, करीब 6 वनों के 139 पेड़ पौधों का वर्णन इस रामायण वाटिका में किया गया है। इन पौधों को वन अनुसंधान केंद्र संरक्षित करने की कोशिश में जुटा हुआ है। चित्रकूट से लेकर पंचवटी, दण्डकारण्य… अशोक वाटिका से लेकर द्रोणगिरी पर्वत जहां से हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आये थे। सबका वर्णन बिस्तार से और इन जगहों में कौन से वृक्ष श्री राम को पसंद आये, उनके बारे में समझाया गया है। वाटिका में 139 वृक्षों का प्रयोग, उनका बॉटनिकल नाम भी लगाया गया है, इस रामायण वाटिका का मकसद यही है की जो लोग त्रेता युग या रामायण के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं वो हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र आकर रामायण वाटिका देख सकते हैं#uttarakhand Ram vatika #ramayan vatika#uk