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भारत में एक मात्र मढ़ पंचमुखी शिवालय,

भारत में एक मात्र मढ़ पंचमुखी शिवालय,
मढ़ पंचमुखी शिवालय में चल रहा है इन दिनों महा शिव पुराण
मंदिर की बनी हुई जीर्ण-शीर्ण स्थिति
कुछ मंदिर आज भी तिरछे खडें है।
भारतीय पुरातत्व विभाग द्धारा लिया गया हैं इस मढ़ पंचमुख्यी शिवालय को लेकिन रेख देख के नाम पर कुछ नहीं।
इस पंचमुखी शिवालय में आप दर्शन कर सकते हैं हनुमान जी ,भैरवनाथ जी काली माता , शनिदेव के सभी अलग अलग मंदिर है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का वर्णन केदार खण्ड में किया गया हैं। इस मंदिर को केाटेश्वर का छोटा भाई भी माना गया है। यह उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर है। कहते हैं जब गढवाल पर गोरखालियों ने अत्याचार किया तो इस मंदिर को तोडा गया हैं

तथा पंचमुखी शिवालय के बीच में दो हिस्से पंचमुखी शिवालय के हो रखे है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु श्रद्धा भाव से इस मढ़ महादेव में आता हैं और श्रद्धा से जल अर्पित करता हैं उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। मढ़ महादेव का जो ये मंदिर है कि कहते हैं कि समशान में जब चिता जलती थी तो उसका जो धुंआ शमशान घाट से आता था तो इस मंदिर में दिखाई देता था इसी लिए इस मंदिर को पंचमुखी मढ़ महादेव के नाम से विश्व विख्यात हैं पूरे भारत वर्ष मेें एक मात्र मढ़ महादेव ऋृषिकेश बद्रीनाथ राजमार्ग खांखरा खेड़ाखाल मोटर मार्ग के पास काण्डई के पास से बैरागणा होते हुए कमोल्डी के लिए सडक मार्ग जाता है। इसी मार्ग पर सडंक से मात्र 50मीटर की दूरी पर पंचमुखी शिवालय के दर्शन आप को जायेगें। मंदिर के पास ही बहता हुआ पानी झरना और कुण्ड है जहां लोटे से शिव को पानी चढाया जाता है।

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