बंदरों का मुद्धा इस चुनाव में काफी हाबी रहा।
बंदरों का मुद्धा इस चुनाव में काफी हाबी रहा।
शराब और पैसा भी मुद्धा रहा है केदारनाथ उप चुनाव में।
पहाड़ को बजंर और पलायन करने में बंदरों का सबसे बड़ा मुद्धा है।
पानी ,रोजगार ,शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क बंदर हाबी रहा मुद्धा
कंाग्रेस और भाजपा इस उप चुनाव में अपना मेनूफेस्टू रहा गायब
कांग्रेस भी उत्साहित तो भाजपा भी जीत के लिए अति उत्साहित।
कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशीयों दोनों ने कि जीत की दावेदारी।
कांटे का मुकाबला रहा केदारनाथ उप विधान सभा चुनाव।
देश में हो रहे विधानसभा चुनाव के साथ- साथ अन्य प्रदेशों में भी विधान सभा उप चुनाव हो रहे हैं। इसमें उत्तराखण्ड़ प्रदेश की रूद्रप्रयाग केदारनाथ विधान सभा 07 पर चुनाव हो रहा है।केदारनाथ विधान सभा में आज चुनाव हो रहा हैं और अभी तक कुल 5 बजे तक 57 प्रतिशत मतदान हो चुका है। केदारनाथ विधानसभा में कुल 90 हजार 7 सौ 25 मतदाता है। जिनमें महिलाओं की संख्या केदारनाथ में पुरूषों से महिलाआ मतदाताओं की संख्या अधिक है। पुरूषों की संख्या 45 हजार तथा महिला 45 हजार 7 सौ 25 मतदाता अधिक है।
बीओं-केदारनाथ विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस पार्टी का इस बार कोई मेनुफेस्टु नहीं था केवल स्थानीय मुद्धों पर ही चुनाव लडा जा रहा था सबसे मुख्य मुद्धे केदारनाथ मंदिर का जहां कांग्रेस केदारनाथ मंदिर केा दिल्ली के बुराड़ी में ले जाने का विरोध और केदारनाथ से केदार की शिला को दिल्ली ले जाना, यात्रा को कुमाउॅू की ओर डायवर्जन करना, केदारनाथ 31 जुलाई की आपदा में लापता लोगो के मुद्धे सड़क शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी जैसे मुद्धे पर कांग्रेस भाजपा को घेर रही थी तो वहीं भाजपा केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को जैसे मोदी और धामी सरकार के विकास के काम को लोगो ंके बीच में गिना रही थी तो लोगों का कहना था कि कितनी बेरोजगारी बढ गयी हैं शिक्षा ढंग की नही हैं स्वास्थ्य सेवा नहीं पानी नहीं सड़केंा के हाल वेहाल है। बंदरों का आंतक फैला है गांव गांव बन्दरों के कारण खाली हो गये है। तो वहीं शराब भी केदारनाथ विधान सभा में प्रमुख मुद्धा रहा है। बेरोजगारी एक बहुत बडा मुद्धा लोगों के बीच में था कि जो रोजगार देगा यह मुद्धा काफी हद से सफल रहा। बेरोजगारी और महंगाई पहाड़ में रोजगार नही है।