जनपद के पिछडें क्षेत्र की स्कूलों में छात्राओं को जागरूक कर रहा है द हंस फाउंडेशन।
पांच टीमें काम कर रही हैं जनपद में
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समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य द हॅस फाउंडेशन ट्र्स्ट स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर समय अग्रणीय भूमिका निभाता आया है। अब द हंस फाउंडेशन जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली छात्राओं को माहवारी के समय किस प्रकार से अपना ध्यान रखना हैं और क्या -क्या समय रहते सावधानी बरतनी है। हंस फांउडेशन की टीम की ओर से स्कूलों में जाकर छात्राओं को जागरूक किया जा रह है। आपको बता दे कि हॅस फाउडेशन की पांच टीमें जनपद में काम कर रही है। जो स्कूल -स्कूल में जाकर बच्चीयेां को जागरूक करने के साथ -साथ माहवारी के दौरान उपयोग में लायी जाने वाली चीजों को भी टीम बॉट रही है।
इसी कार्यक्रम के तहत आज द हंस फाउंडेशन की ओर से, राजकीय इंटर कॉलेज तिमली में सेनेटरी पैड, साबुन एवं डिस्पोजल किट का निःशुल्क वितरण किया गया। जिसमें किशोरीयों की संख्या 85 थी, और मासिक माहवारी के बारे में बताया गया है, की मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और हमे उस दौरान किस तरह से अपना ध्यान रखना है। साथ ही, अपने खान,पान का विशेष रूप से ध्यान रखना है। आदि चीजों के बारे में बताया गया। किशोरियों को मासिक माहवारी के बारे में जागरूक किया गया तथा किशोरियों को बताया गया कि उन्हें कपड़े का प्रयोग नहीं करना चाहिएए इससे बहुत सारी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। उन्हें सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करना चाहिए तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जब भी सेनेटरी नैपकिन हाथ से छुए उस समय हाथ को साबुन से धुलना चाहिए तथा सेनेटरी नैपकिन को पैक करके ही डिस्पोज करना चाहिए। जिससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा नहीं रहता है। किशोरियों को बताया गया कि साफ सफाई पर ध्यान देने से आने वाली कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
1.मासिक धर्म का चक्र,मासिक धर्म का चक्र लगभग 28 दिनों का होता है, लेकिन यह चक्र महिला से महिला में अलग.अलग हो सकता है।
2. मासिक धर्म के लक्षण,मासिक धर्म के दौरान महिला को पेट में दर्द, थकान, मूड स्विंग्स, और स्तनों में दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
3, सैनिटरी पैड्स या टैम्पोन्स का उपयोग, मासिक धर्म के दौरान महिला सैनिटरी पैड्स या टैम्पोन्स का उपयोग करती हैं ताकि उनके कपड़े गीले न हों।
4, सबसे महत्वपूर्ण बाते की हमें अपनी साफ़ सफाई पे विशेष ध्यान देना है। पैड निस्तारण डिस्पोजल बैग के अंदर करना है। इधर उधर नहीं फेंकना है। जिससे कि आस पास के लोगों को संक्रमण ना हो। और उन्हें, पैड डिस्कार्ड करने की विधि भी बताई गई।
इस कार्यक्रम में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ईशा व डॉक्टर अनीश, भारतीय राय गुप्ता सोशल प्रोटैक्ट आफिसर,सामाजिक सुरक्षा अधिकारी ज्योति ,काजोल, लैब टेक्नीशियन रितु रावत, फार्मासिस्ट मालती रावत, जीवन सिंह पायलट . अरविंद सिंह शामिल थे