कालीमठ घाटी में प्रकृति का सुन्दर सा नजारा और ये बहता झरना सब का मन मोह कर रहा है
लाइब तस्बीरे झरने की प्रकृति की छॉव में
कालीमठ घाटी में प्रकृति का सुन्दर सा नजारा और ये बहता झरना सब का मन मोह कर रहा है,
लाइब तस्बीरे झरने की प्रकृति की छॉव में
ये कालीमठ घाटी केदारघाटी मध्य हिमालय में विराजमान भगवान शिव की धरती मॉ काली की धरती जिससे कालीमठ एंव केदार धाटी और मद्धमहेश्वर की घाटी भी कहा जाता हैं इन्ही हिम शिखरों से नदी, नाले, झरने और तालाब, कल कल करती नदियॉ अटख्ेालियां करती झरनेां की चिल्लमिलाती सूर्य की किरंणे मानो एैसी लगती हैं जैसे सूर्य की रोशनी से नहाते सोने चॉदी की परत चढ़ी ओंस की बूंदें इन पर्वत शिखरों पर श्रृखलाओ मानों धरती का स्वर्ग यहीं है। यहॉ कालीमठ और मद्धह हिमालय में विराजमान ग्यारहवे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ, द्धितीय केदार मदमहेश्वर, कालशीला कालीमठ, राकेश्वरी देवी, त्रियुगीनारायण,रूच महादेब, राकेश्वरी देवी, जाख देबता, मुनकटियां मॉ गौरी का मंदिर ओमकारेश्वर न जाने अनको -अनेको मंदिर गुफायें जहां आज भी ऋृषिमुनि तप तपस्या और ध्यान में लिन हैं केदारघाटी मद्धमहेश्वर घाटी में विदेशों से आज ध्यान योग करने के लिए व प्रकृति छटा को निहारने के लिए कई देशी विदेशी यहां ध्यान लगा रहे हैं भगवान को प्राप्त कर रहे हैं ऐसी सुन्दर खूबसूरत धरती में बहते सुन्दर झरने उन पर चार चांद लगा रहे हैं इन्ही को तो कहते हैं भगवान शिव की जटाओं से निकलने वाली झरने नदी नाले ओम नमः शिवाय।
आप को ये झरने से क्या प्रेरणा मिलती है।