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गुलदार ने किया सारगढ़ी गॉव के व्यक्ति पर हमला

गुलदार ने किया सारगढ़ी गॉव के व्यक्ति पर हमला,
घायल व्यक्ति के ले गये श्रीनगर बेस अस्पताल
जहां चल रहा है घायल व्यक्ति का ईलाज।
खेड़ाखाल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लगे मिले ताले सारा स्टाफ नदारत।
दो -दो बिंग चलती हैं इस अस्पताल में डाक्टर सहित अन्य कर्मचारी भी नदारत।
हरेन्द्र नेगी
गुलदार का हमला
रूद्रप्रयाग जनपद में आये दिन जगंली जानवरों के हमले की घटना सामने आ रही हैं एैसी ही एक घटना आज सुबह नवासू गॉव से आयी जहां गुलदार ने गाय चरा रहे व्यक्ति पर हमला कर दिया ।
बीओं- रूद्रपयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के नवासू ग्राम पंचायत का सारगढी गॉव के दिवान सिहं पर गुलदार ने हमला कर दिया दिवान सिहं अपनी गाय को चुगाने घर से कुछ दूरी पर थे जहां गुलदार अचानक से व्यक्ति पर हमला कर दिया और घायल कर दिया। घायल व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल पीएसी खेड़ाखाल ले गये। जहां अस्पताल में ताले लगे हुए थे स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य की इतनी बुरे हाल हो रखे हैं कि इस अस्पताल में कम से कम 17 स्टाफ नियुक्त है लेकिन अस्पताल में ताले लटके हुए है। ईमरजैन्सी भी बंद पडी हुई हैं जब इस बारे में रूद्रप्राग सीमएओं से पूछा गया कि ,खेड़ाखाल का अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी कर्मचारी नहीं है अस्पताल में ताले लगे हुए है। और स्टाफ नदारत है। तो उनका जबाब था आज संडे है। लेकिन ये नहीं बताया उन्होने कि इस अस्पताल में दोनों बिगं चलती है। आर्युबेदिक और एलोपैथिक दोनों स्टाफ नदारत हैं आनन फानन में घायल व्यक्ति को लोग श्रीनगर अस्पताल ले गये। बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति घायल हुआ उसके हाथों पर और पीठ पर गुलदार ने हमला किया। व्यक्ति द्धारा शोर गुल किया जिसके बाद गुलदार वहां से भाग बताया जा रहा है कि गुलदार के साथ उसका बच्चा भी है। जिससे वो आक्रोषित हो गया और हमला कर दिया।
कहने को तो इस क्षेत्र में अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र खेड़ाखाल के नाम से है। इस अस्पताल में एैलोपैथिक और आर्युवैदिक अस्पताल है लेकिन आज 19 अक्टूबर को तो एक भी स्टाफ नहीं मिला। कहने को तो दो तीन डाक्टर फार्मशिष्ट,स्टाफ नर्स, एनीएम, वार्ड व्वाय, सफाई कर्मचारी पूरा स्टाफ कार्यकरता है। लेकिन जब स्थानीय लोगों को समय पर उपचार ही नहीं मिलता है। तो एैसे डाक्टरों और एैसे कर्मचारीयें का क्या करना है। जब एक गोली दवाई के लिए श्रीनगर, रूद्रप्रयाग और पौड़ी जान पड़ता है। जब समय पर लोगों का उपचार ही नहीं होना है। लाखों का वेतन इन कर्मचारीयों को दिया जाता है।स्थानीय लोगों में अस्पताल को लेकर रोष है। पहले भी ये अस्पताल था जब रात 12 बजे भी इस अस्पताल मे ंउपचार मिल जाता था प्राथमिक उपचार से ही लेग लाभ प्राप्त कर देते थे। लेकिन आज इस अस्पताल की दयनीय स्थिति बनी हुई है। विघायक भरत सिहं चौधरी को भी इसका सज्ञान लेने को कहा गया है। सीमएओं रूद्रप्रयाग द्धारा जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था आज संडे है जबकि स्वास्थ सेवाओं की नियमावली और सेवा शर्त को देखा जाता हैं तो पता चलाता है कि 24 घण्टे अस्पताल की सेवाये जारी रहनी चाहिये। लेकिन यहां तो ताले ही ताले लटके हुए मिलें। ये पहाड़ो में स्वास्थ्य की हालत।

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