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भ्रष्टाचार की किस्ती में तैरते पुल

रूद्रप्रयाग जनपद में बन रहे पुल भ्रष्टाचार के दल-दल में तैर रहे हैं।

रूद्रप्रयाग जनपद में बन रहे पुल भ्रष्टाचार के दल-दल में तैर रहे हैं।
साथियों जनपद रूद्रप्रयाग वर्ष भर सुर्खियों में रहता है शायद उससे हमेशा सुर्खियांं में रहने की आदत सी बन गयी है। आज हम भ्रष्ट्र्ाचार की किस्ती में तैरते पुलों की ओर आपका ध्यान आर्कषित कर रहे हैं। जिसका जीता- जागता उदाहरण इन तस्बीरों को देख कर आपको स्पष्ट हो जायेगा।


हम आपको उन भ्रष्टृ्राचारी कमीशन खेर अधिकारीयों की पोल कम शब्दों में लिख कर आपकी आखें और सिष्टम की आखे खोलेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। जी हॉ आपने सही सुना और सही देखा, नहीं देखा हो तो आज हम आपको दिखाते है। जनपद के एक -एक भ्रष्ट््राचार की किस्ती में तैरते पुलों की, अब हम आपको पौडी जनपद की सीमा से सटे सिरोहबगड,से लगे पपडासू पुल की ओर ले के जाते हैं, जहां भारत सरकार के केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्रालय के तहत बना रहा राजमार्ग 58 पर 1 अरब 38 करोड़ की लागात से बन रहे अलकनंदा के उपर ब्रिज की जो पिछले तीन साल से भ्रष्ट्रृचार की किस्ती में तैर रहा है। आप लोग पुल के उपर जाओगें और देखोगे तो पुल पर सड़क के टेडे मेड़े जैसे बैण्ड पडे हुए हैं जबकि पुल सीधे और सपाट होता हैं लेकिन आर्श्चय चकित होता है कि पुल भी टेडा मेडा हो चला है। क्या ये भ्रष्ट्ृचार की दलदल में नहीं डूबा है। कितने लोगो की किस्ती को डूबोओगा ये पुल। इसी सड़क मार्ग पर तीन पुल बन रहे हैं। आगे क्या होगा ये तो समय बतायेगा।विभागीय अधिकारी अभी रिर्पोट आनी की बात कर रहे हैं जो पिछले तीन साल से लैन्टर की तैयारी पूर्ण कर चुका था https://youtu.be/aUO6gFmNq0k
और सरिया का जाला विछा हुआ हैं तब आयी अधिकारीयें को इसकी याद जब खूब भ्रष्टाचार हो गया और जांच विठा दी दो साल से अधिक समय हो गया और अभी जांच ही चल रही है। सेचिये क्या होगा।

अब आपको थोड़ा रूद्रप्रयाग की ओर लेके जाते हैं जहां नरकोटा के पास एनएच डिबिजन श्रीनगर द्धारा रेलवे विभाग द्धारा एनएच को 70 करोड़ रूपये का नरकोटा पुल बनना था जिसका नाम सिगनेचर व्रिज बताया गया था जो भ्रष्ट्रृचार की दल -दल की किस्ती में डूब गया और धडाम हो गया हैं सुकर करों कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। जब जांच चली तो इसमें श्रीनगर डिबिजन के ई ई के भ्रष्टृ्राचार के आरोप संस्पेट कर दियाग गया है जिसके निशान आज भी नरकोटा में स्पष्ट दिखाई दे रहे है।

तीसरा उदाहरण हम आपको थोड़ा आगे भीरी डामर गॉव की ओर लेके जाते हैं जहां इन दिनों लोग अपनी मागों के लिए सड़क पर बैठे है। बेचारे लोग इस कडाके की ठन्ड में संडक के किनारे कडी सर्दी में बैठे हैं जी हॉ आपने सही सुना ये पुल हैं डमार गॉव को जोडने वाला इस पुल का निर्माण कार्य पीएमजीसवाई जखोली डिबिजन द्धारा किया जा रहा है। डमार गांव को जोडने के लिए ग्रामीणो की मांग पर प्रधानमंत्री ग्राम सडंक योजना के तहत साढे तीन किलोमीटर संडक और पुल के लिए भारत सरकार द्धारा साढे 4 करोड़ रूपये दिये गये । जिसमें ठेकेदार को काम दिया गया लेकिन दोनों ओर सड़क का कार्य पूरा हो चुहा है लेकिन पुल का कार्य आधा अधूरा छेड दियाग गया है। पुल पर विभाग लैन्टर डालना भूल गया। संडक का निर्माण कार्य पिछले 5 साल से चल रहा है। ग्रामीणों ने विधान सभा चुनाव का बहिष्कार भी किया लेकिन जिला प्रशासन द्धारा उन्हे मना दिया गया कि उनका पुल जल्दी बन जायेगा। लेकिन पुल का जो काम हो रखा है वह पूरी तरह से भ्रष्ट्रृचार की दल दल में डूबा हुआ है। पुल पर लैन्टर डालने के लिए कच्ची सैटरिंग विछाई गयी है जो पिछले तीन महिने पहले लगायी गयी थी जो सडं गयी है जबकि पुल पर पक्की सैटिंरग का प्राविधान है। लेकिन ठेकेदार और अधिकारी इस पुल पर काम नहीं कर रहे हैं लोग धरने पर बैठे है।विभाग वाले ठेकेदार पर आरोप लगा रहे है जबकि ठेकेदार विभाग पर आरोप लगा रहे हैं और पीस रही है जनता । जनता सडंक पर धरना प्रर्दशन कर रही है। लोग अपने बच्चें को छोडकर सड़क पर बैठे है जिनकी सुनने वाला कोई नहीं है।


जी हॉ अब हम आपको थोड़ा पीछे ले के जाते हैं जहां गिवाली गॉव के पास हॉट बस्टी जाने वाले गार्डर पुल जो मंदाकिनी नदी पर बन रहा है जिसकी लम्बाई 100 मीटर की है।ये पुल और सडंक भी भारत निर्माण के तहत प्रधानमंत्री ग्राम संडक योजना के तहत जिला रूद्र्रप्रयाग में बन रहा है। इस पुल पर गजब की बात हो रखी है। ये पुल दोनों छोर से थोडा-थोड़ा बना हुआ हैं लेकिन इस पुल पर विभागीय अधिकारीयें ने गोते लगा रखे है। इस पुल की लागत को विभाग ने 29 करोड़ के आसपास दिखा रखा है लेकिन पीएमजीएसवाई विभाग कह रहा है कि इस की डीपीआर में गलती हो रखी हैं जबकि पुल की डीपीआर पिछले पांच साल पहले बनी थी जिसकी लागत को विभाग गलती बता रहा है कि इसकी लागत 43 करोड़ थी लेकिन भूल बस इसकी लागत 29 करोड़ लिख दी गयी हैं जो इतने में नहीं बन पायेगा इसलिए इस पर दिक्कत आ रही है। इस पुल का कार्य भारत सरकार की नवरत्नो में एक ब्रिज एण्ड रूफ कम्पनी इण्डिया लिमिटेड कम्पनी बना रही है। लेकिन कम्पनी के कर्मचारी पीएमजीएसवाई पर आरोप लगा रहे कि उनके द्धारा की गलती और भ्रष्ट््राचार का दंश हम झेल रहे हैं।


अब आप ही बताओं साथियों की रूद्रप्रयाग में बन रहे पुलों की किस्ती कितने दल दल में धस्सी हुई है।

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