1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट बनी पशुपालकों की जीवनदायिनी

1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट बनी पशुपालकों की जीवनदायिनी
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्बिस के तहत दी गयी हैं ये मोबाइल बैन
प्रदेश में संचालित 1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट पशुपालकों के लिए काफी किफायती साबित हो रही है। एक कॉल पर पशु चिकित्सकों की टीम पशुपालक के घर पहुंचकर पशुओं का इलाज कर दवाई तक वितरण कर रही है।
हरेन्द्र नेगी
स्लग-1962
एबीबी
प्रदेश के 13 जनपदों और रूद्रप्रयाग जनपद के तीन विकास खण्डों में 1962 ईएमआरआई बेटरनरी यूनिट पशुपालकों के लिए बरदान साबित हो रही है। ये 1962 एम्बुलेंश सर्बिस पिछले 3 सालों से जनपद में अपनी सेवा दे रही हैं और अब तक जनपद में 13 हजार पशुओं को लाभ पहॅूचा चुकी है।
गढवाल प्रभारी मनमोहन सिंह ने आज अपर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से भेंट कर अपने विभाग की जानकारी साक्षा की। है उन्होने बताया कि जिले में चल रही 1962 सेवा मोबाइल वेटरनरी यूनिट मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की प्रशंसा की गई है
जिला प्रभारी द्वारा बताया गया कि रुद्रप्रयाग जिले में तीन 1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट;अगस्त्यमुनि,ऊखीमठ, जखोली तीनों विकास खण्ड़ों में निशुल्क संचालित की जा रही है।1962 मोबाइल टीम गांव -गांव पहुंचकर पशुपालकों की सेवा में कार्य कर रही है। यह मोबाइल यूनिट न केवल बीमार पशुओं का समय पर इलाज कर रही है बल्कि बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जिला प्रभारी द्वारा यह भी बताया गया कि पूरे जिला में अभी तक इस 1962 यूनिट के द्वारा 13556 हजार से अधिक पशुओं का निशुल्क उपचार किया गया है।
मनमोहन सिहं बिष्ट प्रभारी 1962 मोबाइल यूनिट